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शामें मेरी अधूरी हैं तेरे बिन, अधूरा मेरा हर दिन।

शामें मेरी अधूरी हैं तेरे बिन,
अधूरा मेरा हर दिन।
कौशिशें लाख की,कि छुट जाए तलब तेरी,
मगर हाल मेरा यूं हुआ,
जैसे त‌ड़पती है मछली जल बिन।

©Ankita Pradhan #addictionoftea
शामें मेरी अधूरी हैं तेरे बिन,
अधूरा मेरा हर दिन।
कौशिशें लाख की,कि छुट जाए तलब तेरी,
मगर हाल मेरा यूं हुआ,
जैसे त‌ड़पती है मछली जल बिन।

©Ankita Pradhan #addictionoftea