White भला दूसरों का भी क्या सोचता है सदा अपना ही तो भला सोचता है बशर तो बस अपना भला सोचता है सभी का भला बस "तेजा" सोचता है बुरा आदमी बस बुरा सोचता है जो नेक है वो नेक ही सदा सोचता है रहें शान्ति से जगत में हमेशा सभी के लिये वो सदा सोचता है कभी मुँह से कुछ बोलता ही नहीं क्यों खड़ा होके वो जाने क्या सोचता है रूलाकर उसे खिलखिला कर वो अब उसी हँसी की दवा सोचता है नऐ सविधानों कि उसको पड़ी अब तो फितनों का अब रास्ता सोचता है उजाड़ो किसी को बसाओ किसी को यही तो वो "हरदीन" सदा सोचता है चौधरी हरदीन कूकना मकराना, राजस्थान ©CHOUDHARY HARDIN KUKNA #गजल शायरी हिंदी में