रहे पल्लवित प्रतिक्षण उज्ज्वल एक आशा !! पोषित सिंचित सदा विजय की अभिलाषा !! प्राण वायु संग प्राण रहें निर्मल प्रतिपल ! निर्झर स्वच्छ प्रवाहित मन झरना कल-कल !! कलुष दम्भ मद पातक मोह पलायन हों , चित्त शांत परहित विचार प्रस्फुट उर तल !! नूतन कोपल जड़ चेतन हित प्रत्याशा !! निर्वासित हों तिमिर विकार सरल हो मन ! स्वेदयुक्त स्वर्णिम प्रकीर्ण कुंदन सम तन !! सत्य न्यायप्रिय मग प्रति पग निर्माण करें , कठिन त्याग संघर्ष परिश्रम मय जीवन !! पर संताप निरखि दृग हों जल की भाषा !! #nojotohindi #nojotonews Laughing_soul