#rishte बहुत*मश्क्कत की है*हासिद ने जुदा कराने में,जरा अब खुदा से डर*मक्कार् मुस्कुराने में//१
*मेहनत*ईर्ष्यालु*धूर्त
इक तुमने ही बनाया है,मुझे मोहरा मेरे ही घराने में,अब क्या खाक अच्छे बनोगे तुम इस जमाने में//२
बाज़ी जीतने के हुनर आते हैू,मुझे,तेरे दगे ने माहिर बना दिया,अब होता नही तनिक अफ़सोस मुझे जताने मे//३
*फासले बनाने में वक़्त नहीं लगता जनाब,बस उम्र ए तमाम होती है,पास लगने लगाने मे//४*दूरिया #writersofindia#nojotohindi#nojotonews#NojotoFilm#shamawritesBebaak