Nojoto: Largest Storytelling Platform

माना कि मुमकिन न था तेरे लिए घर मेरे आना, कभी वक्त

माना कि मुमकिन न था तेरे लिए घर मेरे आना,
कभी वक्त का तकाज़ा था कभी हालत का बहाना।
हम भी कहाँ पलकें बिछाए बैठे थे इंतज़ार में तेरे, 
बैठे थे हम तो लेके, तुझसे न मिलने का बहाना। mana ke
माना कि मुमकिन न था तेरे लिए घर मेरे आना,
कभी वक्त का तकाज़ा था कभी हालत का बहाना।
हम भी कहाँ पलकें बिछाए बैठे थे इंतज़ार में तेरे, 
बैठे थे हम तो लेके, तुझसे न मिलने का बहाना। mana ke
js7843965270827

J S T C

New Creator