आसमां रूठ कर बैठा रहा, पतंग फिर भी न कोई उड़ाई मैने, लाज़मी जितनी भी हो सकी मुझसे, मोहब्बत पूरी शिद्दत से निभाई मैने। तुमने कभी समझा ही नहीं ये कहने से पहले एक दफा तो सोच लेते, शोहरतें जो भी कमाई थी बख्त गवा कर सारी तेरी चाहत में गवाई मैने। ©Chiku Bhaiya # शायरी # गजल # कविता # स्पेशल