उमर मांगी मैंने जाकर आसमां वालों से के रहें ज़िंदा मुझ में मेरा दिलबर इश्क़ की बहारो का मेरा मौसम रहें क्यों आधूरा ये उसका प्यार दिलकश अदाओं ने " ज़ुबैर" मुझे घेरा अब रहता हैं दिल बे क़रार ©SZUBAIR KHAN KHAN writer - zubair Khan #KarwachauthFast