Nojoto: Largest Storytelling Platform

इसी से अपने लक्ष्य को पता नहीं हूँ, मैं सच कहने स

इसी से अपने लक्ष्य को पता नहीं हूँ,
मैं सच कहने से कभी घबड़ाता नही हूँ।

मेरी आदत में ही है सुमार सच व्यानी,
खुशामद के गीत गा पाता नही हूँ।

जो देते हैं दूसरों के आँखों में आँसू,
उनके पर कतरने में कतराता नही हूँ।

देवता वर्ग के लोग हो गये है आसुरी
उनके चरण-स्पर्श को मैं जाता नही हूँ।

जितने उजले कपड़े उतने ही मीठे बोल,
उन कपट रूपी झांसे में मैं आता नहीं हूँ।

खुद सीढ़ी दर सीढ़ी चढ़ते जायेंगे,
उन बदशक्ल डंडो पर जाता नही हूँ।

मेरी खातिर तो मसीहा तो नही मिलने वाला,
"दीपबोधि" इसी से अपने लक्ष्य को पता नहीं हूँ।

©Deepbodhi #sad_quotes  दोस्ती शायरी शायरी दोस्त शायरी खूबसूरत दो लाइन शायरी
इसी से अपने लक्ष्य को पता नहीं हूँ,
मैं सच कहने से कभी घबड़ाता नही हूँ।

मेरी आदत में ही है सुमार सच व्यानी,
खुशामद के गीत गा पाता नही हूँ।

जो देते हैं दूसरों के आँखों में आँसू,
उनके पर कतरने में कतराता नही हूँ।

देवता वर्ग के लोग हो गये है आसुरी
उनके चरण-स्पर्श को मैं जाता नही हूँ।

जितने उजले कपड़े उतने ही मीठे बोल,
उन कपट रूपी झांसे में मैं आता नहीं हूँ।

खुद सीढ़ी दर सीढ़ी चढ़ते जायेंगे,
उन बदशक्ल डंडो पर जाता नही हूँ।

मेरी खातिर तो मसीहा तो नही मिलने वाला,
"दीपबोधि" इसी से अपने लक्ष्य को पता नहीं हूँ।

©Deepbodhi #sad_quotes  दोस्ती शायरी शायरी दोस्त शायरी खूबसूरत दो लाइन शायरी
deepbodhi4920

Deepbodhi

Growing Creator
streak icon7