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हम जानते हैं शायद या जानते नहीं, क्यों कह देते हो

हम जानते हैं शायद या जानते नहीं,
क्यों कह देते हो आप कभी कभी;
बातों को अनसुना कर,
"अभी नहीं" READ FULL POETRY IN CAPTION BELOW

यह त्रासदी है या वक्त का फेर, के बिछड़ना किसी को गवारा नहीं होता । कुछ इसी तरह एक बुजुर्ग पति अपनी भार्या से चर्चा जब करता है, के उसे कैसे सुकून मिले । चंद शब्दों में बयां करूँगा, गौर फरमाएं :

अभी नहीं

हम जानते हैं शायद या जानते नहीं,
क्यों कह देते हो आप कभी कभी;
हम जानते हैं शायद या जानते नहीं,
क्यों कह देते हो आप कभी कभी;
बातों को अनसुना कर,
"अभी नहीं" READ FULL POETRY IN CAPTION BELOW

यह त्रासदी है या वक्त का फेर, के बिछड़ना किसी को गवारा नहीं होता । कुछ इसी तरह एक बुजुर्ग पति अपनी भार्या से चर्चा जब करता है, के उसे कैसे सुकून मिले । चंद शब्दों में बयां करूँगा, गौर फरमाएं :

अभी नहीं

हम जानते हैं शायद या जानते नहीं,
क्यों कह देते हो आप कभी कभी;
calmkazi6439

CalmKazi

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