टूट कर बिखर चुके है कुछ इस तरह की टुकड़े समेटना भी मुश्किल हो रहा। जितना जलील किया इस दुनिया ने की उठना भी मुश्किल हो रहा। फिर भी दर्द को किश्तों में समेट खड़े हो रहे, चेहरे पर रंगीनिया लगा मुस्कुरा रहे, एक नकाब सा ओढ़, हसकर जिंदगी जिए जा रहे। लोगो को लगता सुकून है मेरे लेकिन हर पल जहर पीएं जा रहे। जहर#_जहर