किसी की ख्वाइश में टूटा तारा हूं मैं लोग फिर भी कह रहे आवारा हूं मैं बिन मौसम हो गई है बरसात मुझ पे भीगी है पलके मुहब्बत का मारा हूं मैं कोइ दवा कोई दुआ काम नही आई रफ्ता रफ्ता इस जिंदगी से हरा हूं मैं अफसोस इस बात का तुम मेरे नहीं हैरान फिर भी हूं , क्यों तुम्हारा हूं मैं ©BROKENBOY #GoldenHour किसी की ख्वाइश में टूटा तारा हूं मैं लोग फिर भी कह रहे आवारा हूं मैं बिन मौसम हो गई है बरसात मुझ पे भीगी है पलके मुहब्बत का मारा हूं मैं कोइ दवा कोई दुआ काम नही आई