" देश की ये लाचारी, घूम रहा खुला बलात्कारी , हम बोल रहे बस वो थीं बेचारी किसने आवाज उठाई और किसने की बेटियों की पहरेदारी ; बातें सब कर रहा पहनावे को ताना कस रहा अपनी बेटी सुरक्षित दूसरों को घर जल रहा ; बेटी को संस्कार सिखाओ थोड़ा ढंग से रहना बताओ इन बातों का बिगुल आज भी सब जगह बज रहा कोई जाकर लड़कों को भी समझाओ ; संस्कार और ढंग का ज्ञान उन्हें भी सिखाओ बेटी बहन की लाज क्या ये बात उन्हें भी समझाओ ; पहल कहीं से ना होगी अपने घर से वीणा उठाओ सजग नागरिक बनकर देश से बलात्कारियों को मिटाओ ।।" kanchan yadav ✍️ ©kanchan Yadav #Stoprape #सजग बनो