अच्छा सुनों तो कहूँ...? कहूँ मैं..... ? की तुम सचमुच में भी शायद से लगते हो। तुम झुकी पलकों के गिरते पानी सा सच्ची लिखी कहानी से लगते हो...! लगता है जो पूरा होगा,जबकी पता है,अधुरा होगा... ख्वाब ही रहोगे तुम फिर क्या ये, ख्वाब कभी पुरा होगा... सुन पाने की है तुम में? मैं मेरी तुमसे कहानी कहूँ, दिल बहुत कहता है,कहते पुरी जिन्दगानी रहूँ.... बनके रहोगे मेरे उस हिस्से में भी मेरे,जब टूटे मेरे अश्क हो, जिने मे ना जब रश्क हो . तुम तब भी आना जब बाकी मेरा बस अश्क हो..! मेरी जिन्दगी में सबसे खास पास मेरे वो शख्श हो ..! बोलो क्या हो वो तुम...? जिसको सिर्फ हमसे ही इश्क हो...! सुनो जब मन से मैं जो भी बोलूँ तुम भी मन से सुनों..! मेरे ह्रदय की व्यथा को तुम भी महसूस करो अगर सुनो,तो कहूँ..? #dear#love#nojot#shayri# Varsha Singh Baghel(शिल्पी)