हाल ए. जिन्दगी।। हाल ए जिन्दगी.. गैरों को क्या सुनाएं ..। यहां लोग तो अपनो से सुन सुन कर बहरे बने हैं।। देखो न ग़ालिब ..आज तक न ओ मेरी हुई ।। और न मैं किसी और का हुआ।। हमारी जिन्दगी नदी के दो किनारों की तरह रही ! न ओ कभी हमसे मिली और न मै कभी छोड़ के गया।। किस्मत तो उस पतवार का देखिए,,, ओ कभी हमसे मिला,, कभी उनसे मिला।। पहले जिन्दगी कितनी मुश्किल से कटती थी,, आज दोनो खुश हैं,, शायद,,किसी को चांद पसंद था, किसी को तारे पसंद थे।। तन्हाई में तो आंशु, दोनों के गिरे होंगे,, बस,, पोंछने वालों ने किसी के आंसु को मोती कहा होगा,, किसी के आंसु का कतरा,,। बची जिंदगी महीनों में कटे या सालों में कटे,, खुदा करे उनके ख्यालों में कटे।। ©P. k Suman #Ocean