अब कभी तेरी बेबसी का, सबब नहीं पूछेंगे, चलो छोड़ो जाने भी दो, अब हम नही रूठेंगें... मेरा ईमान महज़ इसी शर्त पर, मुनहसर नही है, कि जब भी लूटेंगे सिर्फ, चाँद सितारे ही लूटेंगें... चलो न वहीं से शुरू करते हैं, हम हमारे तबसिरे, कि कभी तुम ख़ैरियत लो, कभी हम हाल पूछेंगे... मैं हसरतों के हाथों मज़बूर हूँ,तो क्या हुआ, यकीन कर टूट जायेंगे, मगर वादों से नहीं टूटेंगे... अब कभी तेरी बेबसी का, सबब नहीं पूछेंगे, चलो छोड़ो जाने भी दो, अब हम नही रूठेंगें... मेरा ईमान महज़ इसी शर्त पर, मुनहसर नही है, कि जब भी लूटेंगे सिर्फ, चाँद सितारे ही लूटेंगें... चलो न वहीं से शुरू करते हैं, हम हमारे तबसिरे, कि कभी तुम ख़ैरियत लो, कभी हम हाल पूछेंगे...