इतना भी चश्मा ना लगाया करो। कभी तो नजर से नजर मिलाया करो। कौन कहता है बात करने को कभी तो आंखों से प्यार जताया करो। कभी इशारों में ही दिल बहलाया करो। यू नजरअंदाज करके मुझ मासूम को इतना भी ना सताया करो। कभी तो नजर आया करो इतना भी चश्मा ना लगाया करो ज्योति गुर्जर #चश्मा