तुम्हारी होठों के नीचे का महीन सा तिल, जैसे ब्रह्मलोक में तुम्हें रचने वाला वहां क़लम की नोंक रखकर, तुम्हारी कल्पनाओं में डूब गया हो । मेरी Lifeline ❤️, Gulabo #ankit_srivastava_thoughts