दिन बित गये, कुछ छुट गये, जो थे अपने, ओ भी रूठ गये, कोई बदल गया, मुंह मोड़ लिया, हर साल की तरह, यह साल भी सुना गया, कुछ पाया नहीं, कोई रास आया नहीं, दिल में कोई आया नहीं, कोई घर कर पाया नहीं, ना कोई खुशी मिली, हजारों गम मिले, जो भी मिले, स्वार्थ से पूर्ण मिले, नये वर्ष में कुछ नया हो, हर्ष और उत्साह मिले, रंगभरी एक दुनिया हो, जीवन रंगो का त्यौहार मिले, बिते दिन फिर न बयां हो, बिछड़े दोस्त-यार मिले, कोरोना भी भाग जाए, तो हर परिवार खुशहाल मिले। ©Aarti choudhary #HappyNewYear #endoftheyear #Kavitaye #Poetry #poetry_addicts