तेरे शहर में आ कर बेनाम से हो गए तेरी चाहत में अपनी मुस्कान ही खो गए जो डूबे तेरी मोहब्बत में तो ऐसे डूबे कि जैसे तेरी आशिक़ी के गुलाम ही हो गए