इंसान में हैवान, यहाँ भी है वहाँ भी, अल्लाह निगहबान, यहाँ भी है वहाँ भी. रहमान की कुदरत हो या भगवान की मूरत, हर खेल का मैदान, यहाँ भी है वहाँ भी. हिंदू भी मज़े में है, मुसलमाँ भी मज़े में, इंसान परेशान, यहाँ भी है वहाँ भी. -निदा फ़ाज़ली @Rekhta