कुछ रोशन ख़्वाबों को अक्सर पिरोता हूँ मैं अपनी आंखों में चाँद रख के सोता हूँ फिर तेरी पेशानी पे पसीना न आये कभी मैं तपते सूरज को भी पानी से भिगोता हूँ #अभिव्यक्ति_challengeआँखें ये तो आप सभी जानते हैं कि ज़िन्दगी के अंदाज़ हम आँखों के बिना देख, समझ ही नहीं सकते। ज़िन्दगी हमें हँसाती है, रुलाती है, सपने भी दिखाती है। आँखों के बिना आप ख़ुदा के बनाए इस ख़ूबसूरत जहाँ को बयाँ ही नहीं कर सकते। आज का challenge आँखों के ही ऊपर है। साथ में दो शब्द दिए गए हैं। आँखें - अनिवार्य शब्द 1. अश्क़ - आँसू, Tear 2. ख़्वाब - सपने, Dream