ये भी क्या इतेफाक है होगा तेरे हाथो में मेरा हाथ मेरे हाथों में सजेगी मेहंदी मेरे साजन के नाम बन आऊंगी मैं दुल्हन तेरे द्वार होगा मेरा हर सपना साकार वादा रहा तुमसे होने ना दूगी तुम्हे उदास बन के रहे हम दीया और बाती एक साथ वादा करो बस तुम मुझसे इतना कभी छोड़ोगे ना मेरा साथ चाहे रहूं मैं जिस भी हाल ©Vibhaw Mishra दीया और बाती