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चलते जाना ही है मानव की शान, हमें पता है राह नहीं

चलते जाना ही है मानव की शान,
हमें पता है राह नहीं आसान।

मुसीबतों से मत हो परेशान,
देख रहा ये जमीं ये आसमान।
दूर है मंजिल
खतरे में है जान,
नैया पार लगाएंगे भगवान।
बेचैन ना कर अपना मन,
इस भीड़ भरी दुनिया में कांप उठता है तन।
अंधेरी रात 
लंबा सफर
निरख रहा जन जन,
ये आसमानी बिजली
 ये ऊपर काले घन।
कर्म तो हरहाल में करना है,
दो पल की है जिंदगी फिर क्या डरना है।

©Shishpal Chauhan
  # लंबा सफर

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