Nojoto: Largest Storytelling Platform

हाँ मैंने भी तौला है बोझ आँखें जगी मैं भी मरा हूँ

हाँ मैंने भी तौला है बोझ
आँखें जगी मैं भी मरा हूँ रोज़

वो जिंदगी में आकर इसकदर चला गया
थोड़ा भी  हुआ न उसे अफ़सोस

अभी तक पाला हुआ हूँ बोझ
हाँ मैं भी मरा हूँ रोज

भूलकर भी न भूला,बेवफाई उसकी 
है कोई पवित्र दिल, तो यारों कर लो खोज
वरना फिर मरूँगा मैं हर रोज।।

©Santosh Narwar Aligarh
  #bojh --हाँ मैं भी मरा हूँ हर रोज----

#bojh --हाँ मैं भी मरा हूँ हर रोज---- #शायरी

252 Views