चाँद हो तुम चांद हो तुम तो तुममें दाग़ भी होगा चांदनी जो ऊपर से है अंदर कोई राज़ भी होगा तू जो औरों के उजाले से रोशन है तेरे बीते कल में कहीं गहरा अंधेरा भी होगा साजन कुमार चांद में दाग़