Nojoto: Largest Storytelling Platform

खोया हूँ खुद को ,अपनी सोचो में गहरे , दिल में बसा

खोया हूँ खुद को ,अपनी सोचो में गहरे ,
दिल में बसा हुआ एक अजीब सा दर्द हैं।

रातें बीतती हैं , सोता हूँ अकेला ,
खवाबों की दुनिया में खोया रहता हूँ बेहद गहरा।

बिता हुआ कल छिपा हुआ हैं आँखों के पर्दे में ,
मुस्कानो की पूछे छुपा हुआ हैं दिल का दर्द।

बातें होती हैं मगर जज्बातों को छिपा कर ,
खुद से बातचीत में , खोता हूँ मैं अपना आत्म-संवाद।

जीवन की राहों में गुम हूँ कहीं ,
हर कदम पर मुझको लगता हैं, मैं खोया हूँ कहीं।

सोचता हूँ कभी, क्या हैं मेरा मकसद ,
मगर मैं हूँ , बस अपनी सोंचो में फंसा हुआ।

जिंदगी से उबारत, ढूंढता हूँ खुद को ,
पर कहाँ तक भटका हूँ, ये भी मालूम नहीं मुझको।

©पूर्वार्थ #खुद_की_तलाश
खोया हूँ खुद को ,अपनी सोचो में गहरे ,
दिल में बसा हुआ एक अजीब सा दर्द हैं।

रातें बीतती हैं , सोता हूँ अकेला ,
खवाबों की दुनिया में खोया रहता हूँ बेहद गहरा।

बिता हुआ कल छिपा हुआ हैं आँखों के पर्दे में ,
मुस्कानो की पूछे छुपा हुआ हैं दिल का दर्द।

बातें होती हैं मगर जज्बातों को छिपा कर ,
खुद से बातचीत में , खोता हूँ मैं अपना आत्म-संवाद।

जीवन की राहों में गुम हूँ कहीं ,
हर कदम पर मुझको लगता हैं, मैं खोया हूँ कहीं।

सोचता हूँ कभी, क्या हैं मेरा मकसद ,
मगर मैं हूँ , बस अपनी सोंचो में फंसा हुआ।

जिंदगी से उबारत, ढूंढता हूँ खुद को ,
पर कहाँ तक भटका हूँ, ये भी मालूम नहीं मुझको।

©पूर्वार्थ #खुद_की_तलाश