विध्वंश भय का, काल सम कर, वीतराग,सर्वज्ञ सूचक,निज ज्ञाता होने को वर दें , हो #जिजीविषा होने को अनंत, अनंत, अजर, अविनाशी होने को, भूप रूपमय हो शिव सा, कैलाश सम हो सिंहासन,अंतरतम में यूँ गहराया, सागर सम अक्षणिक दिव्यासन, होने को विजयी, कर्मकाल विजयी, करने अज्ञानमयी #तमस का दोहन यूँ दहक रही, मोह अभिलाषा अग्नि में, देख अनाकृति की आकृतिम माया, दमक रही तपते स्वर्ण सम, वैरागी की नश्वर काया, #जिजीविषा #तमस #yqbaba #yqdidi #challenge #immortality #sajalsays #yqquotes