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जीवन का जंजाल लपेटे  चला हूं जीवन महकाने  अंतर्म

जीवन का जंजाल लपेटे 

चला हूं जीवन महकाने 

अंतर्मन में आग लगी है 

चला हूं मंदिर दीप जलाने


नियति मुझको आज बता दो 

क्या यूं ही खेल दिखाओगी 

बनके मदारी मुझको क्या तुम 

यूं ही नाच नचाओगी

©Sachin Upadhyay #Preying#kavita #shayari #poatry #Song #KumarVishwas
जीवन का जंजाल लपेटे 

चला हूं जीवन महकाने 

अंतर्मन में आग लगी है 

चला हूं मंदिर दीप जलाने


नियति मुझको आज बता दो 

क्या यूं ही खेल दिखाओगी 

बनके मदारी मुझको क्या तुम 

यूं ही नाच नचाओगी

©Sachin Upadhyay #Preying#kavita #shayari #poatry #Song #KumarVishwas