गड़गड़ गड़गड़ की आवाजें सुनकर दिल ये डरता है, यार मेरा पक्का शादी शुदा लगता है, जो शेर बना फिरता था पल में मिमियाने लगता है जो सुनता था ना किसी की अब पल में उसकी सुनता है, रात देर तक ठेले पे संग यारों के जो गप्पे ठोका करता था, अब शाम ढलते ही ले सामान घर की ओर निकलता है, जब पूछा उससे क्या हुआ तुझे किसका डर सताता है, शरमा के धीरे से बोला जिम्मेदारी बढ़ गई है, पांव उसका भारी है, जल्दी ही अब दो से तीन होने की तैयारी है। ©Karan Kumar #friends #comedy #laughing #OneSeason