जब जब इस रूह ने देखा है कोई सपना रुख़सत हुई है नींद मेरी आँखों से , ख़्वाब दिखाए जैसे हो उम्र भर की ये साज़िशें नज़रें चुराए मुझसे वो जैसे हो कोई सपना ! DQ : 361 मनमीत लगे हो तुम मुझे अपना ! ❣️ ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~