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मेरा बचपन और मैं..... आज कुछ पन्नों को, समेटकर रख

मेरा बचपन और मैं.....

आज कुछ पन्नों को, समेटकर रख रही थी मैं,
उसमें मुझे एक पन्ना तेरी यादों का मिला,
उन्हें देखकर, हर पल, हर लम्हा फिर से ताजा हुआ,
संभाल कर रखे हुए लम्हों को, उन पुरानी यादों को,
कुछ इस कदर जिया मैंने, जैसे मानो तुम मेरे पास ही हो....

तुम्हें पता है‌, मैं अपनी यादों को समेट कर रखती थी,
और सब यादें, आज भी मेरे दिल के करीब है,
उन यादों को, कुछ इस कदर जिया मैंने,
मानों सदियों बाद मैं खुद से ही मिली हूं
मैं खुद से ही मिली हूं.....

-LotusMali
https://lotusshayari.blogspot.com/

शब्दार्थ:
तेरी याद, तुम्हें - बचपन

©Lotus Mali
  मेरा बचपन और मैं.....

आज कुछ पन्नों को, समेटकर रख रही थी मैं,
उसमें मुझे एक पन्ना तेरी यादों का मिला,
उन्हें देखकर, हर पल, हर लम्हा फिर से ताजा हुआ,
संभाल कर रखे हुए लम्हों को, उन पुरानी यादों को,
कुछ इस कदर जिया मैंने, जैसे मानो तुम मेरे पास ही हो....
nalinimali1807

Lotus Mali

New Creator

मेरा बचपन और मैं..... आज कुछ पन्नों को, समेटकर रख रही थी मैं, उसमें मुझे एक पन्ना तेरी यादों का मिला, उन्हें देखकर, हर पल, हर लम्हा फिर से ताजा हुआ, संभाल कर रखे हुए लम्हों को, उन पुरानी यादों को, कुछ इस कदर जिया मैंने, जैसे मानो तुम मेरे पास ही हो.... #Shayari

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