अल्फ़ाज़ कलम चलती है तो दिल की आवाज लिखता हूँ, गम और जुदाई के अंदाज़-ए-बयां लिखता हूँ, रुकते नहीं हैं मेरी आँखों से आंसू, मैं जब भी उनकी याद में अल्फाज़ लिखता हूँ। #Alfaj-e-#Mohobbat