पर वो दिन कब आएगा जब लोगो के विचार भी सज जाएंगे , आँखें भी दूसरों के दुःख से नम हुआ करेंगी , उन गरीबो के घरों में भी रोशनी होगी , और कभी भी भूख और ठण्ड से ना तड़पते देखीं जाएंगी वो आँखें , हम भी उन गरीबो के चेहरों पर खुशी लाने की कोशिश करेंगें , वो दिन असल में बाजार सजे हुए से लगेंगे और असल माईयने में दिवाली आएंगी ।। दिवाली है आने वाली ऐसे में बाज़ार सज चुके हैं। ख़रीदारी ज़ोरों पर है। इस दिवाली क्या ख़रीदा जा रहा है। लिखें YQ DIDI के साथ। #बाज़ार