सिर्फ जस्बा है, सिर्फ जस्बा है, काम करते है थकते नहीं.... सिर्फ जस्बा है... !! घर की गृहणीयों का यह जस्बा है... यह जस्बा है यह जस्बा है उन जस्बातो का, जो ज़िक्र नहीं होता बिना फ़िक्र के उन जस्बातो का.... हर घर महकता है..... हम गृहणीयों की वजह से.... यह जस्बा है...., यह जस्बा है.. ! इस जस्बे को करोना भी नहीं हिला पाया.. यह जस्बा है.. ! जिनको चाहते थें हम की वोह हमारे पास हो... पर वोह पास होकर भी पास नहीं है... ! पहले हम मिल लेते थें शाम को जब वोह आते थें ऑफिस से, अब वोह होम में तोह है पर वर्क फ्रॉम होम के लिए, उनसे मिलना भी अब एक आरजू बन गई, जो दिखते तोह है पर है नहीं.. !! Sirf जज़्बा Hai... Sirf जस्बा Hai...