अब नासूर सी बन गईं हैं ज़ख्म के दिलको ग़म होता ही नहीं फ़िरभी आदतन ग़मको सहलाते हैं.. शायर मिज़ाज हैं उदासियों में जीतें हैं.. इश्क़सा हो गया हैं जैसे उदासियोंसे बेपनाह वफ़ा सिर्फ़ उसीसे निभातें हैं.. ©मी शब्दसखा #शायर #हिंदी #शायरी #nojotohindi #writer