दुनिया की रीत निराली है इसने किसी की कदर कहा जानी है। मछली को कहते हैं कि पेड़ पर चढ़ जा। शेर को कहते हैं समय खराब है, तुम फिलहाल चूहे से डर जाओ। जंगल अब सुरक्षित नहीं है तुम्हारे लिऐ, तुम अब गीदड़ की बस्ती में छुप जाओ। मगर ना फंसना इनके चक्कर में, ये वक्त आने पर गधे को भी बाप बनाते हैं। एक दिन खुद के मां-बाप को कहीं छोड़ आते हैं। ये कहां किसी का मोल समझ पाते है। ये तो बस, एक दूसरे की टांग खींचने में उलझे है। कैसे हो फायदा, इसी गणित में सभी फंसे है। बन जाये बड़े यही सोच कर सब भेडचाल मे लगे हैं। सब एक-दूसरे से कहीं ना कहीं ठगे हैं, फिर भी इस दौड़ में सभी चल पड़े हैं। ............... आनन्द #आनन्द #Anand