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उमड़ चला था अश्कों का दरिया, क्या कहें जनाब, रुखसत

उमड़ चला था अश्कों का दरिया, क्या कहें जनाब, रुखसत के पल थे।
हो चले थे फ़ना उनके रुखसार पे, क्या कहें जनाब फुर्सत के पल थे।। #NojotoQuote दरिया-ए-अश्क।।।
#ashk, #shayari
उमड़ चला था अश्कों का दरिया, क्या कहें जनाब, रुखसत के पल थे।
हो चले थे फ़ना उनके रुखसार पे, क्या कहें जनाब फुर्सत के पल थे।। #NojotoQuote दरिया-ए-अश्क।।।
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