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White आईने के टुकड़ों के जैसी हालत है मेरी न जुड़

White आईने के टुकड़ों के जैसी हालत है मेरी
न जुड़ पा रही हूं न कहीं सज पा रही हूं
बस तिनके तिनके कण कण बिखरे जा रही हूं
न उतर पा रही हु खरी उम्मीदों पर तेरी
मैं तो बस अपने जख्मों को नासूर बनाए जा रही हूं।।

©aditi the writer
  #टुकड़े  Niaz (Harf) Kundan Dubey Kumar Shaurya आगाज़ Sarfraz Ahmad