#आज भी अनपढ़ हूँ मैं #तेरे खफ़ा की वजह हूँ मैं #पढ़ न सका तेरे दिल को #समझ न सका तेरे मन को #क्या इसी बात से बेवफ़ा हूँ मैं? #कत्ल कर दिया खुद के अरमानों को मैंने #नष्ट कर दिया खुद के संविधानों को मैंने #खुद की क़दर की तेरे जज्बातों की नहीं