उसे परखने की आदत थी उसने ज़रूर इम्तिहान कड़े दिए होंगे कौन है यहाँ उसे मुज़रिम कहने वाला यहाँ हर शख्स ने गुनाह किये होंगे उसने जो लौटाया ,परेशान क्यों है ज़माना जख़्म ये सारे उसे, किसी ने तो दिए होंगे उस चाँद मे आज बहुत रोशनी थी जाने कितने अंधरे निगल लिए होंगे ये रंग नीला जो है इस आसमान का ज़हर कितने इसने पी लिए होंगे ये जो बचपन पलता था फुटपाथ पे कई मर गए होगें ,कुछ जी लिए होंगे #yqdidi #yqbaba #catharsis #yqhindi #bestyqhindiquotes #vishalvaid #विशालवैद