सारा करिश्मा मुहब्बत का हैँ वरना कौन पत्थर की दीवरों को ताजमहल कहता हैँ नफरतों को जलाओ तो मुहब्बत की रौशनी होंगी वरना इंसान ज़ब भी जले हैँ ख़ाक ही हुए हैँ ©Parasram Arora करिश्मा