आखिर झूठ जीत ही गया एक बार फिर मेरा भरोसा टूट ही गया हम चुप क्या हुए हैं ,उन्हें लगा कि वो बेकसूर हो गए हैं शिकायत क्या करें ,इंसान था , बदल ही गया मुझे भी दुख हुआ और मैं टूट ही गया कभी जुड़ ना पाऊं आखिर ऐसा बिखर ही गया तुम सही और मैं गलत हो ही गया आखिर वह इंसान ही था , बदल भी गया मैं पत्थर बन ही गया मुझे तराशा ना गया ,ऐसे ही फेंक दिया गया मैं तैर फिर किनारा बन ही गया हजारों लोग चले ऐसा सहारा बन ही गया लोग मुझे हरा न सके ,मैं खुद हार ही गया। आखिर झूठ जीत ही गया। किसे कहे हम अपना,अपना बनाने का सबक मिल ही गया किसी ने सामने से तो किसी ने , छुप कर भरोसा तोड़ ही दिया। दिल में दर्द ओर हाथ में कलम उठाने का होंसला हमने कर ही लिया। झूठ को सच में बदलने का मन हमने कर ही लिया। झूठ जीत ही गया #🖋️, #shayari #music #qoutes