कहना तो बहुत कुछ चाहते हैं, पर कह नहीं सकते, जितना सोचा है तुम्हें चंद शब्दों में बयां उसे कर नहीं सकतें। शिकायतें तो बहुत सी करनी है, पर जरा वक्त की कमी हैं, और जिससे शिकायत़ें कर सके, उस पर बचा अब कोई हक भी नहीं है। जिन शब्दों में तुम्हेंं बयां कर सकें, वो शब्द कम पड़ जायेंगे, पर कलम रोके नहीं रूकेगी, जिस दिन हम तुम्हें लिखने पर आयेंगे। जज्बातों का उमड़ता जो सैलाब है, चंद शब्दों में बांध लेना उन्हें मुमकिन नहीं, मेरी जिंदगी की सबसे दिलचस्प वो कहानी हो तुम, जिसे चंद लम्हों में कह देना आसां नहीं। कहना तो चाहते हैं, पर कह नहीं सकतें।