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sandhyapatel8814
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sandhya patel

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sandhya patel

जब भी बारिश आती है,
तो मुझे सबसे ज्यादा याद आती है,
इस इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की,
बारिश में और भी ज्यादा खूबसूरत हो जाती,
इसकी खूबसूरती की। #allahabaduniversity  #collagelove  #missingthosedays 
#secondhome
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sandhya patel

कहना तो हम बहुत कुछ चाहते है,
पर हम सबकुछ कह नहीं सकतें,
जिनसे हम सबकुछ कहना चाहते है,
हम अक्सर उन्हीं से कुछ नहीं कह सकतें।
कभी गलत समझे जाने का,
कभी इमेज खराब होने का,
तो कभी उन्हें खो देने का डर,
हर बात उनसे बहुत सोच - समझकर करते है,
वो हमारी बातों से हर्ट न हो, इसलिए
कुछ भी उनसे कहने से पहले जरा ज्यादा वक्त लेते है,
और वो ये समझ लेते है कि,
उनकी बातों की हमारे लिए कोई अहमियत नहीं हैं,
इसलिए हम उन्हें वक्त नहीं देना चाहते,
या हम उन्हें इग्नोर करते हैं। sometimes it's happens

sometimes it's happens #Life_experience

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sandhya patel

जब एक मिडिल क्लास लड़की की जिंदगी में 
उसकी शादी की बात आती है,
तो उसके आगे सारी बातें गैरजरूरी हो जाती है,
उसकी सपने, उसकी इच्छायें,
उसकी उम्मीदें, उसकी आशायें,
उसके अपने फैसलें, उसकी अपनी मर्जी,
उसकी काबिलियत, उसकी डिग्री,
उसकी पढ़ाई, उसकी नौकरी,
और कुछ अगर जरूरी रह जाती है,
तो वो है बस शादी, शादी और शादी,
जिसकी जितनी जल्दी हो जाए अच्छा है,
सिर का बोझ जितनी जल्दी उतर जाए अच्छा है।
हर लड़की की किस्मत उसकी शादी से तय होती है,
जिसकी जल्दी हो जाए वो लड़की खुशकिस्मत होती है।
और जिसकी शादी जल्दी न हो, तो ये दुर्भाग्य है उसका,
शायद उससे रूठा कहीं सौभाग्य है उसका।
जो जैसे नचाये उसे नाचना पड़ता है,
जो चाहे कुछ भी कह दे उसे सब सुनना पड़ता है।
बगैर किसी गुनाह के ही वो सबकी गुनहगार बन जाती है,
न चाहते हुए भी वो सबके सिर का बोझ बन जाती है।
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sandhya patel

कोई कवि नहीं हू मैं,
मैं कवितायें नहीं लिखता,
मैं तो बस लिखता हूं, चंद शब्द
उस किसी खास के लिए, 
उसकी याद में,
जो है इन शब्दों की प्रेरणा।

जिसकी याद जब भी मेरे जेहन में आती है,
कलम खुद -ब- खुद चल जाती है,
और बेताब हो जाती है, 
उस खास के लिए लिखने को
बस चंद शब्द,
जिसे तुम कहती हो कविता।

कोई कहानीकार नहीं हूं मैं,
मैं कोई मनगढ़ंत कहानियां नहीं लिखता।
मैं तो बस लिखता हूं कुछ अहसास,
जो मैं महसूस करता हूं, उस खास के लिए,
जो है इनसे अब तक अनजान।

मैं लिखता नहीं मशहूर होने के लिए,
मैं लिखता नहीं हूं इसलिए,
कि मेरी कहानियां, कविताएं
किसी मैंगजीन या अखबारों में छप सके,
या किसी महफिल में लोगों की
 तालियां, वाहवाही और ख्यातियां बटोर सके।

 मैं तो लिखता हूं बस इसलिए,
ताकि मैं लिखता हूं जिसके लिए, 
वो जब भी इन्हें पढ़ें,
इन शब्दों में छुपे अपने लिए,
मेरे प्रेम को महसूस कर सके।

©sandhya patel One day she asked to him that how can you write such a beautiful poetries and stories and he replied -

One day she asked to him that how can you write such a beautiful poetries and stories and he replied - #poem

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sandhya patel

कहना तो बहुत कुछ चाहते हैं, 
पर कह नहीं सकते,
जितना सोचा है तुम्हें 
चंद शब्दों में बयां उसे कर नहीं सकतें।

शिकायतें तो बहुत सी करनी है,
पर जरा वक्त की कमी हैं,
और जिससे शिकायत़ें कर सके,
उस पर बचा अब कोई हक भी नहीं है।

जिन शब्दों में तुम्हेंं बयां कर सकें,
वो शब्द कम पड़ जायेंगे,
पर कलम रोके नहीं रूकेगी,
जिस दिन हम तुम्हें लिखने पर आयेंगे।

जज्बातों का उमड़ता जो सैलाब है,
चंद शब्दों में बांध लेना उन्हें मुमकिन नहीं,
मेरी जिंदगी की सबसे दिलचस्प वो कहानी हो तुम,
जिसे चंद लम्हों में कह देना आसां नहीं। कहना तो चाहते हैं,
पर कह नहीं सकतें।

कहना तो चाहते हैं, पर कह नहीं सकतें।

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sandhya patel

Meri Sona Meri Chandi,
Mera Heera, Meri Moti 
😘😘😘
"Wishing a very Happy Birthday to my sweetheart and my little cute princess.
You're the cutest child that I have ever seen,
And my complete entertainment package.

Many many happy returns of the day,
 may almighty god always bless you with love, happiness and unending smiles. 
may all your dream, desires, aspirations will come true one day"
🎂🍰🍫🍫🎉🎊🎈🎁❤️😍😘 Shrestha' first birthday 🎂🍰🍫🍫🎊🎉🎈🎁❤️😍😘

Shrestha' first birthday 🎂🍰🍫🍫🎊🎉🎈🎁❤️😍😘

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sandhya patel

आज का दिन है बहुत है खास,
क्योंकि आज से ठीक एक साल पहले, 
आज ही के दिन हमारे घर आई थी,
 एक खूबसूरत सी नन्ही मेहमान,

मेरा, शुग्गा, मेरा तोता, मेरी दोस्त, मेरी सहेली, मेरी 'श्रेष्ठा',
अपनी नानी की राजकुमारी, मौसी का सोना - चांदी,
 अम्मा की शुग्गा, बाबा का राजा बाबू
 पापा की जान, मम्मी का करेजा।

तुम्हारे आने से घर में सदा रौनक है रहती, 
तुम सारा दिन खुद में सबको व्यस्त है रखती।

हर दिन अपनी नयी - नयी कलाकारियों से हो सबको हंसाती,
आड़े- टेढे मुंह बना बनाती, गाने गुनगुनाती, अपनी शैतानियों से आतंक मचाती
 नाच दिखाकर कर सबका हो दिल बहलाती,

तुम्हारी हंसी की खिलखिलाहट से दिन शुरू होता है, 
और रात है गुजरती।
तुम्हारे होने से मायूसियों में भी सबके चेहरे पर मुस्कुराहट है बिखरती।

अपनी उम्र के बच्चों के साथ तुम्हारी नहीं है बनती,
अपनी उम्र से बड़े लोगों के साथ तुम हो दोस्ती करना पसंद करती।

हमारे घर का हो तुम सुकून, हमारी खुशियों की चाभी,
तुम्हारे बिन दिल न लगता किसी का, कहीं भी, जरा भी।

मुबारक हो तुमको, तुम्हारी पहली सालगिरह, 
ये पहला जन्मदिन,
तुम जिओ हजारों साल और पचास हजार हो साल के दिन।

यूं ही सदा हंसती रहो, हंसाती रहो, सबका दिल बहलाती रहो।
खुद खुश रहो, सबको खुश रखो, सबके जीवन में खुशियों के रंग सदा बिखेरती रहो Shresta's Birthday 🎂🍰🍫🍫🍫🎉🎊🎈🎁

Shresta's Birthday 🎂🍰🍫🍫🍫🎉🎊🎈🎁 #poem

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sandhya patel

कभी लगता था कि,
 मैं एक हर्फ तक न लिख पाउंगी कभी।
लेकिन आज मैं जब भी, 
जितनी भी दफा सोचती हूं तुम्हें,
कलम खुद -ब- खुद चल जाती है,
और बेताब हो जाती है,
 तुम्हें लिखने के लिए।
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sandhya patel

यूं तो मैंने तुम्हें पहले भी कई बार देखा, पर निगाहें थम गई, मेरे दिल की धड़कनें अचानक से बढ गई, और मैं तुम्हें वहीं बस एकटक खड़ी देखती रह गई, जब उस दिन यूनिवर्सिटी में इंग्लिश डिपार्टमेंट के बरामदे से गुजरते हुए इन आंखों के सामने तुम्हें पहली बार देखा।
कई बार चाहा कि तुम्हें आवाज दूं, आखिर वहीं मेरे सामने से ही तो गुजरे थे तुम, पर शायद हिम्मत ही नहीं हुई, या डर था मुझे इस बात का कि कहीं तुम इनकार न कर दो मुझे पहचानने से।
हालांकि उस वक्त ऐसा कुछ भी तो नहीं मेरे दिल में तुम्हारे लिए, महज एक कैजुअल फ्रेंड से ज्यादा कुछ नहीं थे तुम मेरे लिए, और न तब तुम्हारी मेरी जिंदगी में अब जितनी अहमियत थी। फिर भी न जाने क्यूँ, मुझे उस दिन एक अजीब सा अहसास हुआ, तब शायद मुझे इस बात का अंदाजा भी न था, कि एक दिन तुम मेरी जिंदगी के लिये इतने अहम हो जाओगे। तुम मेरे लिए इतने जरूरी हो जाओगे कि तुम्हारे बगैर मेरी जिंदगी नामुकम्मल लगने लगेगी। 

आज इतने दिनों बाद जब हम एक - दूसरे के लिये लगभर अजनबी से हो  चुके है, बातें भी अब शायद ही कभी - कभार होती है, आज जब तुम अपनी जिंदगी में बहुत आगे बढं चुके हो, और मैं भी अतीत की उन तमाम यादों को दफन करने की नाकाम कोशिशें करती हूं, लेकिन फिर भी उस दिन की यादें मेरे जहन में अभी भी वैसे ही ताजा है, जैसे मानो कल की ही बात हो, और तुम्हारा चेहरा खुद -ब- खुद मेरी नजरों के सामने आ जाता है। आज अगर माजी की सारी यादें धुंधली पड़ भी जाए, लेकिन उस दिन की यादें आज भी मेरे जहन से मिटायें नहीं मिटती।

©sandhya patel #Love
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sandhya patel

वो एक कप चाय, जो पहली बार हमारी मुलाकात की वजह बनी थी। वो चाय ही है, जो तुम्हारे चले जाने के बाद आज भी मुझे तुमसे जोड़े रखती है, और रोज सुबह चाय की चुस्कियों के तुम्हारे साथ बिताए गए पुराने लम्हों की यादें फिर से ताजा कर देती है। वो चाय, जिस पर कई दफा हमारी बहस हो जाया करती थी, क्योंकि चाय, जो तुम्हें बहुत पसंद हुआ करती थी और मुझे नापसंद, पर फिर भी कई अक्सर तुम्हारे साथ वक्त बिताने के लिए तुम्हारे साथ पीने जाया करती थी। वो एक कप चाय, एक बार फिर तुम्हारे साथ फिर पीने की मेरी खवाहिश आज भी अधूरी है..... वो एक चाय ☕

वो एक चाय ☕

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