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gagankamat6587
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Gagan Kamat

मेरी कलम से, YouTube Channel - काव्यांजलि email:- gagankamat9@gmail.com Mo:- 8298451665 Working as Assistant Section Officer in the M/o HRD, CSS, Govt. of India.

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Gagan Kamat

मकसद एक ही है, पर हमारी नियत नहीं मिलती।
शौक मिलतें हैं बेशक, हमारी आदत नही मिलती।।

वो घिरते बादल को देख कर खुशी से झूम उठता है।
हम घबराते है, सबको एक सी किस्मत नहीं मिलती।।

अपनी दुकां पे 'एक दाम' का तख्त लगा रखा है मैने।
मोल भाव करने से सामान की कीमत नहीं मिलती।।

इक तरफ तुम हो और इक तरफ ये जहां सारा।
यहां प्यार बेशुमार मिलता वहां कोई इज्जत नहीं मिलती।।

तुम जो होते इस सफर में तो कुछ और ही बात होती।
जो भी हैं साथ अपने उनसे मेरी तबीयत नहीं मिलती।।

©Gagan Kamat gazal

#Light

gazal #Light

11 Love

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Gagan Kamat

दया, याचना, धैर्य, क्षमा,
जब सारे निष्फल हो जाते हैै।
प्रतिकार की ज्वाला उठती हैै,
सारे मार्ग शांति के खो जाते है।।

शांति का कोई मार्ग न छुूटे,
किन्तु क्षमाशील की भी मर्यादा है।
होना विनाश तो उसका तय है,
जो घड़ा पाप का भरने पे आमादा है।।

प्रभू संग सेना सिन्धु लांघि गए,
फिर भी शांति दूत पठाया।
अपने अंहकार में मस्त दशानन,
क्षमाशीलता समझ न पाया।।

सतत क्षमादान पाकर भी जो,
करता अपराध निरन्तर है।
वो महानाश का भागी है,
उलझता काल उठाए सर पर है।।

हर क्षमादान पे अट्टहास किया,
शिशुपाल ने लज्जा खोकर।
सौ अपराधों तक क्षमा किया फिर,
वासुदेव ने चक्र उठाय़ा बेबस होकर।।

भूमि पांच गांवों की पाकर भी,
रह लेते; सह लेते घोर अपमान।
अगर मानते प्रस्ताव सुयोधन,
कदापि नहीं जाते पाण्डु संग्राम।।

दया श्रेष्ठ है; सब धर्मों में,
उस सीमा तक करते जाओ।
खुद शत्रु भी क्षमाशील कहे,
जब तक ना कायर कहलाओ।। #क्षमा की सीमा

8 Love

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Gagan Kamat

दया, याचना, धैर्य, क्षमा,
जब सारे निष्फल हो जाते हैै।
प्रतिकार की ज्वाला उठती हैै,
सारे मार्ग शांति के खो जाते है।।

शांति का कोई मार्ग न छुूटे,
किन्तु क्षमाशील की भी मर्यादा है।
होना विनाश तो उसका तय है,
जो घड़ा पाप का भरने पे आमादा है।।

प्रभू संग सेना सिन्धु लांघि गए,
फिर भी शांति दूत पठाया।
अपने अंहकार में मस्त दशानन,
क्षमाशीलता समझ न पाया।।

सतत क्षमादान पाकर भी जो,
करता अपराध निरन्तर है।
वो महानाश का भागी है,
उलझता काल उठाए सर पर है।।

हर क्षमादान पे अट्टहास किया,
शिशुपाल ने लज्जा खोकर।
सौ अपराधों तक क्षमा किया फिर,
वासुदेव ने चक्र उठाय़ा बेबस होकर।।

भूमि पांच गांवों की पाकर भी,
रह लेते; सह लेते घोर अपमान।
अगर मानते प्रस्ताव सुयोधन,
कदापि नहीं जाते पाण्डु संग्राम।।

दया श्रेष्ठ है; सब धर्मों में,
उस सीमा तक करते जाओ।
खुद शत्रु भी क्षमाशील कहे,
जब तक ना कायर कहलाओ।।

 गगन कामत #क्षमा की सीमा

12 Love

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Gagan Kamat

अभी गुफ्तगू कुछ इधर कुछ उधर बाँकी है,

बस इशारा किया है, मिलानी नजर बाँकी है।

अभी तो उसपर बस नुस्खा उछाला है दोस्तों,

ठहरिए, अभी होना इसका असर बाँकी है।।


गगन कामत #CupOfHappiness
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Gagan Kamat

#LabourDay  

पुराने मिलों के खंडहर से उम्मीद तोड़ कर आए है,

की बदल पाऊं जो चादर गरीबी की ओढ़ कर आएं है,

ऐ पत्थर दिलवाले, तेरे पथरीले शहर को सजाने,

अपने गांव की हरी भरी मिट्टी को छोड़ कर आए है,

-Gagan Kamat #Migrant Worker
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Gagan Kamat

"मेरा दिल जलाना चाहा था, लो जला दिया मैंने,


कोई सिगरेट भला कब तक जलता रह सकता है"

-Gagan Kamat- #शायरी

शायरी

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Gagan Kamat

हमें भुला दो पर पिछली मुलाकात की एक बात याद होनी चाहिए,
कि हमें भूलाने से पहले इक और आखरी मुलाकात होनी चाहिए। #alone

12 Love

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Gagan Kamat

#मातृ वंदना

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Gagan Kamat

"बहुत बड़े गुनाहों की, कुदरत ने बड़ी छोटी सजा दी है।

हमें ममनून होना चाहिए, सिर्फ सजा ए कैद अता की है।।"

-Gagn Kamat- #emptiness
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Gagan Kamat

मुमकिन नहीं मां-बाप के रहमों का सपनों में भी चला दे पाना,

उनकी बीमार-बूढ़ी उंगलियां, हल्के ज्वर जुकामों में भी मेरी मरहम पट्टीयों में लग जाती है #Fire

14 Love

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