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ये दे पुन्नी के मेला हा घलों सिरावत हे,
चंदा हा थोरकिन अब लुकावत हे।
माढ़े माढे धुराय लागिस कोसहा लुगरा हा,
#ज़िन्दगी
durgesh patel
#lovebond साथ निभाने का वायदा कर,
सच में साथ निभाओगी क्या ?
गर ना रहूं साथ तुम्हारे,
आंखों से मोती बहाओगी क्या ?
बात सच है ,मुश्किलें साथ नहीं छोड़ती,
तुम फिर भी मेरे साथ रह पाओगी क्या ?
साथ निभाने का वायदा कर, #ज़िन्दगी
durgesh patel
#Childhood ज़िंदगी की तमाम ख्वाहिशें,
कब सर्कस (उलझन) में बदल गई पता नहीं चला।
कुछ तमाशा देखने में व्यस्त तो,
कुछ तमाशा दिखाने में।। #ज़िन्दगी
durgesh patel
#friends गुज़रा हुआ कल,
एक अहम हिस्सा बन जाता है जिंदगी का।
बस गुस्ताखी इतनी सी है,
पास हो तो कद्र नहीं होती,
और होती भी है तो सिर्फ यादों में।। #ज़िन्दगी