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nirbhaychauhan6974
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निर्भय चौहान

Nirbahay.kumarsingh1@insta अभी जिंदा हूँ मैं, अभी शब्द आते है मेरे घर, नगमे,ग़ज़लें, शेर ले कर। अभी लिख सकता हो, मैं अपने जज्बात। जो कभी कह नही पता तुमसे। तुमसे बिछड़ने के बाद, ज्यादा पुख्ता हो गई है चाहत। तुम्हे यकीन न हो मगर। अभी जिंदा हूँ मैं।

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निर्भय चौहान

White देखेंगे कहानी के वो किरदार कब मरेंगे
वो जो लोग हम पे मरते वो यार कब मरेंगे

इस वास्ते ही जिंदा है हम तो लहू भी पी कर
जुल्फों में तेरी हो कर गिरफ्तार कब मरेंगे

मरने को लाखों मजनू फरहाद क्यों मरेगा
यह बंगला कब मरेगा बता ये कार कब मरेंगे

स्याही भी अब कागजों से करने लगी ये बातें
सब खबरें मर चुकी पर ये अखबार कब मरेंगे

हर रोज कतारों में घंटों ये जनता सोचें
मुर्दे जो हैं सरकारी सरकार कब मरेंगे

मरते हैं बिकने वाले खरीदार मर रहे हैं
ये सिक्के कब मरेंगे ये बाजार कब मरेंगे

©निर्भय चौहान #good_night  Vandan sharma  Rakhee ki kalam se  Kumar Shaurya  Madhusudan Shrivastava  नीर

#good_night Vandan sharma Rakhee ki kalam se Kumar Shaurya Madhusudan Shrivastava नीर #शायरी

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निर्भय चौहान

White मैं ही रह जाऊंगा आखिर में तन्हा ।
तुम्हें तो तब भी कोई भीड़ से बुला लेगा।

©निर्भय चौहान #Sad_Status
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निर्भय चौहान

White एक और जहां फेसबुक इंस्टा इत्यादि सोशल साइट हजारों फॉलोवर होने पर पैसे देते हैं वहीं nojoto लाखों फॉलोवर होने पर मंथली चार्ज कर रहा है।डेटा डिलीट कर रहा वो भी बिना डेटा डाउनलोड के ऑप्शन दिए हुए।

149 से फर्क नहीं पड़ता सत्यप्रेम जी,
तरीके से पड़ता है।।
कम से कम जो रिचार्ज नहीं कर पा रहे उनका डेटा तो उनको दे देते।।

©निर्भय चौहान #Thinking 
#Nojoto
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निर्भय चौहान

White जिस्म आहों से भर गया होगा।
कोई सदमा गुजर गया होगा।

तितलियां फूल से उड़ी होगी
फिर से एक फूल मर गया होगा।

झगड़ा करके जो घर से निकला था
लौट के फिर से घर गया होगा

क्या गया होगा हुस्न वालों का।
इश्क वालों का सर गया होगा।

कोई दरिया उदास बैठा है।
ज्वार फिर से उतर गया होगा।

तुम ने धागा निकाल रखा है  ।
यानी मोती बिखर गया होगा ।

फिर से चिड़िया कफ़स में आ बैठी ।
फिर कोई पर कुतर गया होगा।

हाय गुस्से में छोड़ कर मुझको
जाने निर्भय किधर गया होगा

©निर्भय चौहान #Thinking
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निर्भय चौहान

White जरा सा तुम ठहर जाओ,
तुम्हारे साथ चलना है।
अभी से तुम न घबराओ
तुम्हारे साथ चलना है।

समय का ये पहर  थोड़ा
विकट है पर ये बीतेगा
खुशी का गीत कोई 
दुख की आंखों से रीतेगा 
अभी बस पास आ जाओ
तुम्हारे साथ चलना है।

कहीं स्वर्णिम ये अपने स्वप्न
फूटेंगे कपोलों से।
उठेगी गंध अपनी भाग्य की
राहों में शोलों से।
दुखों से पार अब पाओ
तुम्हारे साथ चलना है।

ना मै कृष्ण ना तू राधिका
ना प्रियतम ये द्वापर है।
मगर तब प्रेम संयम था,
अभी तो प्रेम तत्पर है।
अब न दूर तुम जाओ 
तुम्हारे साथ चलना है।

मैं होके राम तेरे दाग भी
जो धो नहीं पाऊं
रहूं मर्यादित इतना कि 
विरह में रो नहीं पाऊं
खुद को बस इतना समझाओ
तुम्हारे साथ चलना है।

मेरे मन की जो गंगा है
उसका स्रोत तुम प्रिय
हमारे भाव वृष्टि से 
ओत प्रोत तुम प्रिय।
मेरे साथ दुहराओ 
तुम्हारे साथ चलना है।

©निर्भय चौहान #Sad_Status   शायरी लव रोमांटिक हिंदी शायरी लव शायरी हिंदी में नीर  Rakhee ki kalam se  Vandan sharma  Vishalkumar "Vishal"

#Sad_Status शायरी लव रोमांटिक हिंदी शायरी लव शायरी हिंदी में नीर Rakhee ki kalam se Vandan sharma Vishalkumar "Vishal"

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निर्भय चौहान

White जिंदगी का ये सफर आसान है।
तू हमारे दिल का जो मेहमान है।
लोग ताने दे रहे तेरे नाम से अब,
यानी तू अब से मेरी पहचान है।।

©निर्भय चौहान #Thinking
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निर्भय चौहान

White कुछ लोगों से मिलकर हमने,
इश्क से तौबा कर ली थी।
तुमसे मिलकर दिल ने लेकिन
फिर से तौबा तोड़ दिया।

जैसे सागर से मिलने को 
व्याकुल दरिया  बहती है।
कलकल बहती लहरों ने सारा 
पर्वत जंगल छोड़ दिया।

©निर्भय चौहान #Thinking
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निर्भय चौहान

White मुझसे दुनिया की शिकायतें करते करते,
न जाने कब उसे मुझसे शिकायत हो गई!
कुछ पता ही नहीं चला।

©निर्भय चौहान #Sad_Status  'दर्द भरी शायरी'

#Sad_Status 'दर्द भरी शायरी'

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निर्भय चौहान

White एक तेज दर्द की टीस हूँ मैं,
तुम कोई मरहम लगती हो।

मैं कुंभ का सन्यासी,
या हज का कोई काजी हूँ।
तुम ब्रह्ममुहुर्त की ऊर्जा हो,
तुम गंगा ज़मजम लगती हो।

मैं हालातों की गर्म धूप में
सूखा सूखा लाल मिर्च।
तुम सर्दी की नरम धूप में 
मीठी चमचम लगती हो।

मैं जैसे हारे कंधे हों
किस्मत के मारे धंधे हों।
तुम भाग्य की देवी हो खुद ही
तुम जीत का परचम लगती हो।

©निर्भय चौहान #sad_qoute
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निर्भय चौहान

White खाली हैं वो जाम कि जिनमें सारी दुनिया डूबी थी।
डूबा था जो वो होश में न था दरिया में क्या खूबी थी।।

इश्क पे कोई ज्योतिष जादू काम कहां करता है यार।
बदनामी  के ले दाग गया वो हाथ में जिसके रूबी थी।।

©निर्भय चौहान #GoodMorning  करम गोरखपुरिया  Sandeep Kumar Saveer  Rakhee ki kalam se  वरुण तिवारी  katha(कथा)

#GoodMorning करम गोरखपुरिया Sandeep Kumar Saveer Rakhee ki kalam se वरुण तिवारी katha(कथा) #शायरी

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