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tarakoundal6665
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Tara Koundal

silentwriter📝 ambitious अल्फ़ाज़ ऐ ज़िन्दगी... रूह से रूहानियत तक का सफ़र✈️🛤️ @scribbler_alfaz

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Tara Koundal

ज़िंदगी के किस्सों को लफ़्ज़ों में बयाँ कर दूँ...
थोड़ा वक़्त को....तो थोड़ा ख़ुद को संभाल के...
हसीं लम्हों को यादों की तिज़ोरी में डालकर...
ऐ ज़िंदगी चल फिर  तुझे गुलज़ार कर दूँ ।। #यादों की तिज़ोरी...

#यादों की तिज़ोरी...

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Tara Koundal

मेरी हर रात ख़त्म हो जाती है ......
एक ख़्याल में 
क्यूँ मेरे अपनों ने साथ छोड़ दिया.....
जो कहते थे हम वो परछाई नहीं जो  दिन ढल जाने पर साथ छोड़ दे.... #ख़्याल
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Tara Koundal

# kitna mushkil h ye BYE kehna

# kitna mushkil h ye BYE kehna #poem

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Tara Koundal

घर से निकल कर घर को लौट आता हूँ, कितना मुश्किल है ये bye कहना....

अपनों को छोड़, किसी ओर गली जाना..
बिना कुछ कहे बस मुस्कराना...
याद बनाकर, हर लम्हे को जिये जाना...
जिम्मेदारी का बोझ, या अपनों का ख्याल
बस आगे बढ़े जाना....
अपनों से दूर जाना, अपनों के लिये कमाना....
उनकी ख़ुशी के लिये सब सहे जाना.....
मन न हो किसी को छोड़कर जाने का, फिर भी छोड़ जाना
कुछ सपनों के लिए, मेरे अपनों के लिए...
उस गांव को छोड़ मेरा शहर चले जाना
सब ठीक है,पर बहुत मुश्किल है ये जाते वक़्त अलविदा कहना
माँ की नम आँखों को देख पाना ,तो पिता के बिना बोले सब कह जाना...
भाई बहन की चंचलता का चुप्पी में बदल जाना
एक दम से सबका अपना ख़्याल रखना कह जाना....
फ़िर ये सब देख ख़ुद को समझाना
अपने अश्कों को छुपाकर, बस मुस्कराना
अपने घर,गाँव को छोड़ दूर शहर चले जाना

कितना मुश्किल है ये bye कहना।। #mypoetry कितना मुश्किल है ये bye कहना...
@scribbler_alfaz

#MyPoetry कितना मुश्किल है ये bye कहना... @scribbler_alfaz #poem

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Tara Koundal

Alone and You  

ग़म हैं या गुम हैं ख़ुद में,कुछ इस तरह से बैठे हैं
शायद वक़्त ने ख़ुद वक़्त दिया है बिताने को...
थोड़ा ख़ुद में खो जाने को

इतने  सवाल हैं तुझसे ऐ ज़िन्दगी

कि सवाल लेके चले थे और आज सवाल पर ही ख़त्म हैं...

मुद्दते भी अब  कम है सुलझाने को
आखिर अब  बचा ही क्या है उलझाने को

डूब जाऊँ दरिया में, या किनारा चाहूँ
 अपना समझ न आये कोई, किसका सहारा चाहूँ....
अश्क़ थमते नहीं, किस लिये सवेरा चाहूँ
दुनिया की भीड़ से अब अँधेरा चाहूँ....
कि इतने सवाल हैं तुझसे ऐ ज़िंदगी
दो पल नही ,आँख बंद कर लम्बे वक़्त की  मोहल्लत चाहूँ।।।। #mypoetry इतने सवाल हैं तुझसे ऐ ज़िंदगी...

#MyPoetry इतने सवाल हैं तुझसे ऐ ज़िंदगी...

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Tara Koundal

#OpenPoetry ख़ुश थी वो,पर ख़ुशी नहीं थी उसकी ....
दर्द था पर हँसती दिख रही थी वो
कमज़ोर थी वो अंदर से, पर साहसी दिख रही थी वो
ख़ुद से बेखबर सी थी....यूँ कि
चोट मेरी थी पर आँसू उसके होते थे
औऱ क्या कहूं...उसकी जरूरत औऱ हमारी ख्वाइश में जीत 
हमेशा ख्वाइश की होती।।

औऱ कोई नहीं माँ है वो...

दुआ है मेरी ,रब्ब से
मेरी राह में  काँटे चाहे हज़ार बिछा देना...
पर माँ को खुशियों की सौगात देना
हँसता ,खिलखिलाता रहे उसका हँसी चेहरा....
बस इतना ही काफ़ी है
हर ख्वाइश भी पूरी होगी तो फ़रमाइश भी....
माँ का साथ ,बस मेरे सिर पर उसका हाथ ही काफ़ी है

किसी के लिए  अम्मा, तो किसी के लिए अम्मी
किसी के लिए बेबे, तो किसी के लिए मम्मी
किसी के लिए मैया, तो किसी के लिए माँ
शब्द अनेक अर्थ एक 
बस माँ...हर एक अल्फ़ाज़ माँ
मेरे लिए रब्ब,तो मेरा जहाँ है माँ.... #mypoetry माँ

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Tara Koundal

यादों का सफ़र....

ज़िंदगी की किताब में कुछ हसीं पन्नों का तराशा मैंने,
जो मुस्कराहट की वजह बनें, तो कुछ ग़मों की याद दिलाकर
 मुस्कराहट को आँसुओ में तबदील कर गए...

मेरे अपने भी थे, तो पराये भी....
राह में साथ देने वाले भी थे, तो साथ छोड़ जाने वाले भी
मुझे रोता देख हँसाने वाले भी थे ,तो हँसता हुआ देख रुलाने वाले भी....
सीखा बहुत है तुझसे ऐ ज़िन्दगी....
 और तेरा शुक्रिया सीखाने के लिए....
मुझे आज़माने के लिए,एक भूले को इंसान बनाने के लिए
मुझे मेरी मंज़िल तक पहुँचाने के लिए....

यादों के सफ़र में आज की बात करते हैं...
मेरे आज में ज़्यादा नहीं, अब बस कुछ खास हैं...
बाकि सब याद हैं, तो कुछ राज़ हैं ।। #mypoetry
यादों का सफ़र...
@scribbler_alfaz

#MyPoetry यादों का सफ़र... @scribbler_alfaz

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Tara Koundal

#mypoetry

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Tara Koundal

#alfaz

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Tara Koundal

Truth यूँ ना समझ कि टूट के बिखर जाऊँगी..
पिरो के माला में ख़ुद को,ख़ुद ही सँवर जाऊँगी...
क़बूल है हर दर्द हमें,अपने दर्द को ही दवा बनाऊँगी.
कोशिश कर लो आज़माने की,अंधेरे में भी शमा बनके निखर आऊँगी...
तू भी देख अब तुझको तुझमें ही जला के जाऊँगी...
यक़ीन है इतना ख़ुद पर कि तेरे हर बार गिराने पर भी उठ के दिखाऊँगी...
ख़ुद को उठाकर,तुझे तेरी ही नज़रों में गिराकर जाऊँगी...
यूँ ना समझ कि टूट के बिखर जाऊँगी 
।।


तू भ #scribbler_alfaz यूँ ना समझ कि टूट के बिखर जाऊँगी....

#scribbler_alfaz यूँ ना समझ कि टूट के बिखर जाऊँगी....

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