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saurabhwankhede3181
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Saurabh Wankhede

i m a Civil engineer , love to write poems

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Saurabh Wankhede

White Kbhi milogi to sunaunga na apni dastan 
Subh ki kiran ke sath hasi majk hi sahi
Dopahar hote hote do char baat hi sahi 
Sham ko baith kr kuch guftgu karenge na 
Raat me kuch vyagtigat baat hi sahi 
Kabhi milogi to sunaunga na apni dastan

©Saurabh Wankhede #loveshayari
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Saurabh Wankhede

White सब्र लगता है खुद को बनाने मे 
मकान यूहि नही खड़ा हुआ करते

©Saurabh Wankhede #love_shayari
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Saurabh Wankhede

कितने अच्छे दिन थे वो बचपन के 
जब हाथ से कंचे छुठते थे और कंधे हल्के हुआ करते थे 
और आज हाथ से अपने छुठते है और कंधे बोझ मे है

©Saurabh Wankhede
  #achievement
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Saurabh Wankhede

मिलों का सफर यु हि तय नही होता
कुछ रात जागना पढ़ती है मंजिल को पाने के लिए

©Saurabh Wankhede #walkalone
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Saurabh Wankhede

कही दीवारों के चर्चे कही मीनारों के 
कभी तारीफ के जुमले इधर नही आते 
हम तो बुनियाद के पत्थर है कई सदियों से 
और बुनियाद के पत्थर नजर नही आते

©Saurabh Wankhede #walkingalone
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Saurabh Wankhede

आओ बैठो जलन मिटाए 
चांदनी भरी इस रात में 
प्यार बरसाएं
शमा जलाएं
जाम छलकाएं !

©Saurabh Wankhede #Nofear
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Saurabh Wankhede

यु तो सब अपनी निकालने में लगे है 
कोई अपना समझकर भी दूसरो को देखो ना
यु तो सब अपना किरदार निभा रहे है 
कोई दूसरो का किरदार भी सुलझाकर देखो ना

©Saurabh Wankhede #Dark
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Saurabh Wankhede

#FourLinePoetry न जाने क्यों ऐसा लग रहा है जैसे हम अपने आप को खोते जा रहे है 
इन बदलती हवाओ में इन बदलते बदलाव में 
क्यूं ऐसा लग रहा है जैसे इस वक्त के साथ कुछ छूट रहा है 
क्यूं ऐसा लग रहा है जैसे जिम्मेदारियों से पसीना छूट रहा है 
न जाने क्यों ऐसा लग रहा है जैसे हम अपने आप को खोते जा रहे है

©Saurabh Wankhede #fourlinepoetry
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Saurabh Wankhede

#FourLinePoetry न जाने ऐसा क्यों लग रहा है जैसे हम अपने आप को खोते जा रहे है,
इस बदलती हवाओ में इस बदलते बदलाव में,
क्यूं लग रहा है जैसे इस बढ़ते कदम से कुछ पीछे छूटता जा रहा है 
क्यूं लग रहा है जैसे इस वक्त से सब कुछ बदलता जा रहा है 
न जाने ऐसा क्यों लग रहा है जैसे हम अपने आप को खोते जा रहे है

©Saurabh Wankhede
  #fourlinepoetry
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Saurabh Wankhede

ये चेहरा ये लिबाज़ अब किसी का पसंद नही आता 
ये आखें ये अदाएं अब किसी का नही भाता 
आपको देख कर कुछ खनक हुई है इस दिल में
नही तो शाम होते ही सिर्फ आपका खयाल थोड़ी आता

©Saurabh Wankhede #lovequotes  #livelovelaugh #romanticmood 
#NationalSimplicityDay
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