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shubhamtiwari1978
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shubham tiwari

लिखते है थोड़ा मन कि बातों को ,किसी को छू जाता है किसी को चुभ जाता है

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shubham tiwari

ना है मियाद कोई इस दौर ए जाम की,
समझे ना हैसियत है क्या उसके नाम की।

रखो जुबां पर हरदम क्यों अपने इश्क़ तुम,
कभी तो किया करो बात कोई काम की।

होगी सुबह जो कल  देखेंगे जो भी होगा,
अभी बहकने दो सिमटकर बाहों में शाम की।

देखो हो राह अब भी तुम उसकी क्यों मिज़ाज,
दिखीं ना सूरतें कब से जिसके पैगाम की।

©shubham tiwari #Love #Shayar #Shayar♡Dil☆ #Dil #Poetry #urdu #urdu_poetry 

#booklover
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shubham tiwari

#Jaam #ishq #Dil #rekhta #magic #ghazal #Love
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shubham tiwari

#IndiaFightsCorona
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shubham tiwari

जा चुके थे जाने क्यों फिर से लौटें है वो,
मुझसे मेरा ही अफ़साना मुझसे बोलें है वो।

बेमिसाल थी खामोशी जो वो रखते थे कभी,
जाने क्यों आज कल इतनी जुबां खोलें है वो।

उनको होती शिकायत थी मेरे मशरूफ़ रहने से,
जाने क्यों आज कल मुझमे इस कदर खोएं है वो।

आंखें देखी ना मैंने बस उनकी आवाज ही सुनी,
रोते थे तुम जैसे मिज़ाज़ शायद अब रोएं है वो ।

©shubham tiwari #ishq #Ishq❤ #Dil #Dil__ki__Aawaz #Love #Shayar #Shayari #ghazal #rekhta
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shubham tiwari

रहते पहरे में हम मगर तुम चले आते हो,
हम रहते हैं खामोश तुम कहे जाते हो।

माना हैं मज़लूम हम चाहत में तुम्हारी,
यूँ रो कर क्यों तुम मुझ जैसे हुए जाते हो।

हवाएं चलती आई हैं और चलेंगी ये यूँ ही,
रहो रोशन चिराग़ तुम क्यों बुझे जाते हो।

लगे अच्छी है ये दुनिया बस दूर से मिज़ाज,
क्यों ख़ामोखां लगने इसके गले जाते हो।

©shubham tiwari #Flower
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shubham tiwari

#ShamBhiKoi
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shubham tiwari

#TumSaathHo

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shubham tiwari

खुद से किया ना राब्ता उलझे रहे जहां में हम,
बोला ना कुछ भी बस लिखते रहे जहां में हम।

सोचा बैठ कई दफ़ा हम इतने हैं या कितने है,
आया ना ख्याल जितने का उतने रहे जहां में हम।

पाले बैठे थे ग़फ़लत लग जाएंगे किनारे किसी,
थामे हुए बस सांसो को डूबे रहे जहां में हम।

सोचा करते हैं क्या और करते हैं कुछ और ही,
अंदाज़ से मिज़ाज़ के अपने डरते रहे जहां में हम।

©shubham tiwari #Flower
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shubham tiwari

#MajesticWords
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shubham tiwari

इतराते नही है बस जरा घबराने लगे हैं,
आस्तीनों में जो सांप घर बनाने लगे हैं।

हो कर नजर से जो दिल मे उतर गए थे,
कर के उसी में घर वो उसे जलाने लगे हैं।

माना है तुमको चाह पहुंचने की उस तलक,
पहुंचने में जहाँ तक मुझे जमाने लगे हैं।

क्यों करते हो परवाह जाने भी दो ना मिज़ाज़,
ऐसे ऐसे कितने जाने यहां ठिकाने लगे हैं।

©shubham tiwari #Hindi #hindi_poetry #kavita #Shayar #Shayari 

#alone
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